1. थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस (Third-Party Insurance)
यह इंश्योरेंस पॉलिसी सरकार द्वारा अनिवार्य (मैंडेटरी) होती है और मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत इसे लेना ज़रूरी है।
कैसे काम करता है?
अगर आपकी गाड़ी से किसी व्यक्ति को चोट लगती है, किसी की मृत्यु हो जाती है, या किसी अन्य वाहन/संपत्ति को नुकसान होता है, तो थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस उसकी भरपाई करता है।
इसमें आपकी खुद की गाड़ी के नुकसान या चोरी का कवरेज नहीं मिलता।
उदाहरण:
अगर आपकी कार से गलती से किसी बाइक को टक्कर लगती है और वह क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो इंश्योरेंस कंपनी बाइक मालिक को मुआवज़ा देगी, लेकिन आपकी अपनी कार की मरम्मत का खर्च आपको खुद उठाना होगा।
किसके लिए उपयुक्त?
जिनके पास पुरानी कारें हैं और जो कम प्रीमियम देना चाहते हैं।
जो केवल कानूनी अनिवार्यता पूरी करना चाहते हैं।
2. कंप्रेहेंसिव कार इंश्योरेंस (Comprehensive Car Insurance)
इस इंश्योरेंस में थर्ड-पार्टी कवरेज के साथ-साथ आपकी खुद की कार को हुए नुकसान का भी कवरेज शामिल होता है।
कैसे काम करता है?
इसमें आपकी गाड़ी की दुर्घटना, चोरी, प्राकृतिक आपदा (बाढ़, भूकंप), आग, दंगे, या अन्य किसी क्षति का भी बीमा होता है।
यह आपकी और थर्ड पार्टी, दोनों की सुरक्षा देता है।
उदाहरण:
अगर आपकी कार का एक्सीडेंट हो जाता है और आपकी कार और सामने वाले वाहन दोनों को नुकसान होता है, तो बीमा कंपनी दोनों के खर्च को कवर कर सकती है।
किसके लिए उपयुक्त?
जो नई या महंगी कारें रखते हैं।
जो अपने वाहन को पूरी सुरक्षा देना चाहते हैं।
मुख्य अंतर:
निष्कर्ष
अगर आपका बजट कम है और केवल कानूनी अनिवार्यता पूरी करनी है, तो थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस बेहतर है।
🙏
अगर आप अपनी गाड़ी की भी सुरक्षा चाहते हैं,
तो कंप्रेहेंसिव इंश्योरेंस लेना ज्यादा फायदेमंद होगा।
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